मलेशियाई दोस्त ऐश और सुनीता जी के साथ दिल्ली दर्शन

दिल्ली में रहने वाले लोग आखिर कहां दिल्ली घूमते है। वह तो इतने प्रदूषण से कहीं दूर किसी पहाड़ी पर जाना पसंद करते है। अपना भी यही हाल है मुझे पहाड़ बहुत पसंद है। लेकिन ऐसे में यदि मेरा कोई मित्र विदेश से आ रहा हो तो उसको दिल्ली की सांस्कृतिक धरोहर से परिचय कराना मेरा दायित्त्व बनता है।


जी हां मेरी दोस्त ऐश जो मलेशिया की नागिरक है वह काउच सर्फिंग के माध्यम से मुझसे जुड़ी थी। 19 जुलाई 2017 को उसका दिल्ली आने का कार्यक्रम बना। देर रात उसकी फ्लाइट दिल्ली। अब उससे बात पहले ही हो गई थी  यदि दिल्ली पूरी घूमना है तो सुबह 8 बजे मिल जाना शाहदरा मेट्रो स्टेशन पर, अगर देर हुई तो कई जगह रह जाएगी। अरे भाई दिल्ली कोई छोटी सी थोड़ी है जो एक दिन में पूरी घूमी जा सके।

लेकिन 20 जुलाई 2017 की सुबह हुई तो 4 बजे से ही इंद्र देवता दिल्ली पर अपनी कृपा बरसा रहे थे। जिसका सिलसिला लगभग 10 बजे के आसपास रुक गया। अब उन्होंने अपनी कृपा बरसानी रोकी तो हम घर से निकल पाये। और ठीक 11 बजे ऐश मिल गई मुझे शाहदरा मेट्रो स्टेशन पर।

मैं और ऐश मेट्रो स्टेशन पर

वहां से हम सीधा दिल्ली गेट मेरे घर आ गए और ऐश को अपने यहां के मशहूर ब्रेड पकोड़े और बढ़िया मसाला चाय का नाश्ता कराया। इसके बाद समय ना गंवाते हुए मैंने अपना कैमरा उठाया और घर से निकल पड़े। पुरानी दिल्ली की पेंचीदा गलियों में चहलकदमी करते हुए सबसे पहले हम पहुंचे जामा मस्जिद। जहां जाकर ऐश की जुबान से निकला Wao This is so Beautiful खैर फिर मैंने उसको जामा मस्जिद का इतिहास बताया लेकिन आपको यहां नहीं बताऊंगा।

जामा मस्जिद

ऐश

इसके बाद फिर वही पुरानी दिल्ली की गलियों से होते हुए हम पहुंच गए लाल किला। यहां हमे मिली सुनीता जी उनको मैने पहले ही फोन कर दिया था। अब हम दो से तीन हो गए, मैं सुनीता जी और ऐश। फिर लाल किले के तीन टिकट ली गई। उसके बाद सुनीता जी और ऐश तो महिला लाइन से जल्दी से निकल गए। लेकिन पुरूषों की पंक्ति थोड़ी लंबी थी जिस कारण से मुझे लाल किले में प्रवेश करने में समय लग गया।

ऐश

घुसते ही शानदार बाजार था जिसमे हस्तशिल्प कला का अद्धभुत नमूना देखने को मिला। और एक बाद एक सभी दरबारों महलों को हमने अपनी नज़रों से निहार लिया। ऐश के चहरे से लग रहा था कि बहुत खुश है। लेकिन लाल किला पूरी तरह से देखने मे हमे 2:30 बज गए। जिस कारण से हमने कई जगह जाना कैंसिल किया।

हम तीनों मैं सुनीता जी और ऐश

ऐश और सुनीता जी

सुनीता जी

समय ना गंवाते हुए इसके बाद हम बंगला साहिब जाने के लिए लाल किला मेट्रो स्टेशन पर आ गए वहां से सीधा पटेल चौक पहुंचे। पटेल चौक से 10 रू सवारी में बंगाल साहिब का ऑटो किया। जिसमें सबसे पहले गुरुद्वारे के दर्शन किये उसके बाद लंगर चखा। ऐश गुरुद्वारे की काफी तारीफ करने लगी। उसको यहाँ आना बहुत अच्छा लगा।

बंगला साहिब गुरुद्वारा

हम तीनों

ओह बडी गलती हो गई मैं सुनीता जी का परिचय कराना तो भूल ही गया। सुनीता जी एक वरिष्ठ व्यंग्यकार और कवियित्री है और यह चाय कि ऑक्शन बायर्स है। मतलब इनका चाय का बड़ा कारोबार सिमचा टी के नाम से है। ऐश से हुई बातचीत में पता लगा कि उसको अलग अलग तरह की चाय बेहद पसंद है। ऐश को चाय में दिलचस्पी है और सुनीता जी का चाय का व्यापार है तो ऐश के लिए सुनीता जी का चाय का शोरूम भी किसी टूरिस्ट प्लेस से कम नही था। पहुंच गए हम सेक्टर 6 आर.के पुरम सुनीता जी के चाय के शोरूम यहाँ हमे मील आदित्य जो सुनीता जी के बड़े बेटे है उन्होंने हमें वाइट टी के साथ ग्रीन टी पिलाई जिससे ऐश काफी प्रभावित हुई और उसने 2 प्रकार की चाय खरीद ली।

सुनीता जी के चाय के शोरूम पर हम तीनों व सुनीता जी का बेटा आदित्य

खैर यहां से हम शाम 5:15 पर निकले और ऑटो से पहुंच गए स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर। यह जगह ऐसी है कि किसी को भी मंत्रमुग्ध कर दे ऐश तो मंदिर में प्रवेश करते ही इसकी दीवानी सी हो गई इतनी तारीफ कर रही थी कि जैसे पता नहीं क्या खा लिया हो। हाथियों की कहानी उसको बेहद पसंद आई। रात 8 बजे तक मंदिर की खूबसूरती अच्छे से निहारी। अब हम काफी थक चुके थे मंदिर से बाहर आकर कुछ देर बैठे फोटो खींची और फिर वापिस आ गए।

स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर

सुनीता जी

ऐश

बस इतनी सी थी ये यात्रा आगे भी आपको किसी और जगह की यात्रा पर लेकर चलूंगा तब तक आप कहीं मत जाइयेगा, ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ।

आपका हमसफर आपका दोस्त

हितेश शर्मा


Comments

  1. शानदार विवरण। एक बार में काफी कुछ कवर कर लिया आप लोगों ने। मैं तो अक्सर एक ही जगह जा पाता हूँ।
    duibaat.blogspot.com

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    1. जी हाँ काफी कुछ घूम लिया बाकी घूमना तो और कुछ भी था जो रह गया।

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  2. अगली कड़ी का इन्तजार है।
    duibaat.blogspot.com

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    1. बिल्कुल जी जल्द ही नया ब्लॉग पढ़ने को मिलेगा

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  3. ये लेख तो कुछ समय पहले भी छापा था।
    दुबारा क्यों प्रकाशित किया....

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    1. वेबसाइट पर था जिसको ब्लॉग पर लाया गया है। कुछ दिन में वेबसाइट बन्द की जाएगी उसपे कुछ और डाटा लाया जाएगा।

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